आज के दौर में रिश्तों का मतलब बदल गया है, खासकर GenZ नारी के लिए। वह प्यार और रिश्तों को अपनी शर्तों पर जी रही है, जहां उसकी स्वतंत्रता और व्यक्तित्व को प्राथमिकता दी जाती है।
अपने नियमों पर जीया हुआ प्यार
पिछले कई दशकों से महिलाओं को पारंपरिक रिश्तों में बंधने के लिए मजबूर किया जाता रहा है, चाहे वह पत्नी, बेटी, या गर्लफ्रेंड के रूप में हो। लेकिन GenZ नारी अब इन सीमाओं को तोड़ रही है। वह रिश्तों में बराबरी की मांग करती है, जहां भावनात्मक समर्थन और सम्मान उसकी बुनियादी ज़रूरतें हैं।
निधि, जो एक 24 वर्षीय डिजिटल मार्केटिंग एक्सपर्ट है, अपने करियर और व्यक्तिगत विकास को रिश्तों से ऊपर रखती है। वह कहती है, “प्यार ज़रूरी है, लेकिन अपने सपनों और स्वतंत्रता का बलिदान मैं नहीं कर सकती।”
शादी का दबाव: सवाल उठाती नई पीढ़ी
भारतीय समाज में आज भी युवतियों पर जल्दी शादी करने का दबाव रहता है। लेकिन GenZ नारी अब इस दबाव का विरोध कर रही है। वह सवाल करती है कि क्यों महिलाओं का मूल्य उनकी शादी से तय होना चाहिए?
सुरभि, एक 26 वर्षीय उद्यमी, कहती हैं, “शादी जब करनी हो तब करूँगी, समाज के नियमों के हिसाब से नहीं। मेरे जीवन में और भी बहुत कुछ है, जिसे पहले हासिल करना है।”
साझेदारी की नई परिभाषा
GenZ नारी के लिए रिश्ते अब केवल रोमांस तक सीमित नहीं हैं। वह एक ऐसे साथी की तलाश में है, जो उसके साथ बराबरी से खड़ा हो, उसके सपनों को समझे और उसका सम्मान करे। आज की महिलाएं रिश्तों में समान भागीदारी चाहती हैं, चाहे वह भावनात्मक हो या मानसिक सहयोग हो।